डॉ०मुकेश गर्ग द्वारा स्थापित राष्ट्रीय संगीत संकल्प परिवार वास्तव में एक परिवार की तरह है,इसे हम बरसों से मह्सूस करते आये हैं,हम इसके मंच पर राष्ट्रीय कार्यक्रमों में रायपुर,सूरत,अहमदाबाद और हल्द्वानी जैसी कई जगह प्रस्तुति के लिये गये हैं। इस परिवार की मानवीयता का सबसे ताज़ा उदाहरण है बालक आशीष का किस्सा ।मैं बालक आशीष को डी०आर०एम० ऑफिस कोटा भेज कर जब घर लौटी तब मेरे पति देवेन्द्र,(उप सचिव,संगीत संकल्प,कोटा) संगीत संकल्प के जबलपुर राष्ट्रीय अधिवेशन की स्मारिका से वहाँ के सदस्यों के न० देख कर उनसे संपर्क कर रहे थे ।
स्मारिका से हमें जबलपुर अध्यक्ष माननीय साधना उपाध्याय जी का न० मिला,उन्हें फोन पर सारी स्थिति और हमारी जबलपुर से दूरी की मजबूरी से अवगत कराया तो उन्होंने कई प्रकार से 45 कि०मी० दूर गाँव कालादेही में रह रही बालक आशीष की माँ तक हमारा संदेश पहुँचाने का भरसक प्रयास किया कि आपका बेटा आशीष कल सकुशल घर पहुँच रहा है ,किन्तु उसकी माँ का फोन बंद पाया गया तो उन्होंनें आस-पास के गाँव में माननीय मेधा पाटकर जी के कार्यकर्ताओं से संपर्क किया ।इधर हम उनसे बराबर संपर्क साधे हुए थे और वे हमारे हर फोन का शान्तिपूर्वक और सकारात्मक जवाब भी दे रहीं थीं ।
आज के इस दौर में जहाँ परिवार व्यवस्था चरमरा रही है,ऐसे में संगीत संकल्प जैसे संगीत के साधनारत कलाकारों के राष्ट्रव्यापी परिवार का एक अंग होने पर स्वयं पर गर्व की अनुभूति होती है तथा मन को सुकून मिलता है । डॉ० गर्ग साधुवाद के पात्र हैं ।
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