भारत में संत परम्परा सदैव समृद्ध रही है,तथा संतों का इस देश में सदा पूजनीय दर्जा रहा है ।
इतिहास गवाह है कि भारत में संतों ने हमेशा राष्ट्रहित के लिये कार्य किया है ।
आज भी भारत में एक संत राष्ट्र हित के लिये अनशन पर हैं और इसके चलते उनके शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति चिंताजनक देखकर हम ये सोचने पर मजबूर हैं कि क्या इस समय देश की जनता की मानसिकता चिंताजनक नहीं है ? क्योंकि संभवतः यहाँ संवेदनहीनता अपनी पराकाष्ठा पर है,जबकि इस समय होना तो ये चाहिये कि हम सभी भारतीय एकजुट होकर राष्ट्रहित में सोचें ।
ईश्वर न करे किन्तु यदि आज राष्ट्रहित के लिये सोचने वाले संतों की शारीरिक हानि होती है तो वह स्थिति इस देश के लिये दुर्भाग्यपूर्ण व अक्षम्य होगी ।
स्वतंत्रता सैनानी की पौत्री व पुत्री होने के कारण देश हित में सोचना मेरे संस्कारों में निहित है,अतः 4जून से मैं व मेरे पति देवेन्द्र एक दि्न छोड़कर
एक दिन क्रमिक अनशन कर रहे हैं और पिछले सात दिन से टाईफॉयड एवं तेज़ बुखार से पी्ढ़ित अपनी 12 वर्षीय पुत्री को भी संभाल रहे हैं और इसी कारण से घर से बाहर न जा पाने के कारण फोन एवं SMS के ज़रिये अधिक से अधिक लोगों को जागृत कर रहे हैं ।
इतिहास गवाह है कि भारत में संतों ने हमेशा राष्ट्रहित के लिये कार्य किया है ।
आज भी भारत में एक संत राष्ट्र हित के लिये अनशन पर हैं और इसके चलते उनके शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति चिंताजनक देखकर हम ये सोचने पर मजबूर हैं कि क्या इस समय देश की जनता की मानसिकता चिंताजनक नहीं है ? क्योंकि संभवतः यहाँ संवेदनहीनता अपनी पराकाष्ठा पर है,जबकि इस समय होना तो ये चाहिये कि हम सभी भारतीय एकजुट होकर राष्ट्रहित में सोचें ।
ईश्वर न करे किन्तु यदि आज राष्ट्रहित के लिये सोचने वाले संतों की शारीरिक हानि होती है तो वह स्थिति इस देश के लिये दुर्भाग्यपूर्ण व अक्षम्य होगी ।
स्वतंत्रता सैनानी की पौत्री व पुत्री होने के कारण देश हित में सोचना मेरे संस्कारों में निहित है,अतः 4जून से मैं व मेरे पति देवेन्द्र एक दि्न छोड़कर
एक दिन क्रमिक अनशन कर रहे हैं और पिछले सात दिन से टाईफॉयड एवं तेज़ बुखार से पी्ढ़ित अपनी 12 वर्षीय पुत्री को भी संभाल रहे हैं और इसी कारण से घर से बाहर न जा पाने के कारण फोन एवं SMS के ज़रिये अधिक से अधिक लोगों को जागृत कर रहे हैं ।


Mujhe sangeet seekhna hain m'am.....!!
ReplyDeletePlz help me